हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण को आकर्षक और दिव्य अवतार के रूप में चित्रित किया जाता है, जिनका आकर्षण कार्यकारी रूप से होता है। यहां उनकी शारीरिक विशेषताओं का वर्णन है:
- वर्ण: भगवान कृष्ण का वर्ण “स्यामल” कहा जाता है, जो गहरे नीले या काले रंग का होता है। उनकी त्वचा कहीं चमकीली और उज्ज्वलता से भरी होती है, जो एक गहरे बादल के रंग की तुलना में होती है।
- चेहरे की विशेषताएँ: भगवान कृष्ण का चेहरा सुंदर और मोहक होता है, जिसमें पूर्ण सममिति वाली विशेषताएँ होती हैं। उनकी बड़ी, प्रभावशाली आँखें पुष्पक फूल की तरह कहीं कहीं स्वत: गर्मी और करूणा से भरी होती हैं। उनकी भौं भरी हुई भूँजे बहुत सुंदर होती है और उनकी मुस्कान आकर्षक मानी जाती है, जो आनंद और खिलखिलाहट की आभा देती है।
- ताज: भगवान कृष्ण को आमतौर पर मोर पंखों से सजा ताज पहने चित्रित किया जाता है या फूलों से बना एक सरल मुकुट पहनते हैं। मोर पंखों को उनकी दिव्य सौंदर्य और कृपा का प्रतीक माना जाता है।
- बाल: भगवान कृष्ण के बाल काले और कर्वटीबद्ध कहे जाते हैं, जो उनके कंधों तक पहुंचते हैं। कभी-कभी उनके बालों को उनके शोले पर सजाया जाता है, जिसमें मणियों या फूलों से बनीं आभूषण सजाए जाते हैं।
- वस्त्र: भगवान कृष्ण को आमतौर पर चमकीले रंग के कपड़े पहनाए जाते हैं, जैसे कि एक धोती (एक पारंपरिक भारतीय पहनावा) और एक शॉल या कंबल जो उनके कंधों पर ड्रेप होती है। उनको विभिन्न आभूषणों, जैसे हार, कंगन और पैदली, भारी धातुओं और रत्नों के बने, पहनाए जाते हैं।
- शरीर: भगवान कृष्ण को आमतौर पर एक युवावस्था और पतली शारीर से चित्रित किया जाता है। उनकी छाती धारण की हुई, बढ़ी हुई, मजबूती से भरी हुई मसली और लम्बी, कोमलतापूर्ण अंगूठियों के साथ उनका शरीर चित्रित किया जाता है। उनके शरीर पर भगवान के ध्यानी चिह्न भी होते हैं, जैसे कि श्रीवत्स (उनकी छाती पर एक मुँहगी बाल की बुनियाद) जो दिव्य माना जाता है।
- आसन: भगवान कृष्ण को आमतौर पर एक आरामपूर्ण और आकर्षक आसन में खड़े या बैठे चित्रित किया जाता है, उनके चेहरे पर एक कोमल मुस्कान होती है। उनकी शरीर भाषा आत्मविश्वास, शांति और आनंद की प्रकटि करती है।
- बांसुरी: भगवान कृष्ण को आमतौर पर एक बांसुरी पकड़ते हुए चित्रित किया जाता है, जो उनके सबसे प्रमुख लक्षणों में से एक माना जाता है। बांसुरी उनकी शक्ति का प्रतीक है, जो सभी प्राणियों के हृदय को मोह लेने वाली दिव्य संगीत बनाने की क्षमता को प्रतिष्ठित करती है।
आमतौर पर, भगवान कृष्ण के शारीरिक रूप का वर्णन दिव्य, आकर्षक और मोहक होता है, जो उनकी दिव्य स्वभाव और अविनाशी सौंदर्य को प्रतिबिंबित करता है। उनकी अद्वितीय विशेषताएँ और आकर्षक चाल-ढाल उन्हें हिंदू पवित्र पुस्तकों में प्रिय और मोहक देवता बनाती हैं।